“उन्होंने मुझे एहसास कराया कि आप काम कर रहे हैं और प्यार किया जाता है। जल्द ही यह निशान स्टाइल स्टेटमेंट बन जाएगा। देव जी ने मुझे अपने दांतों का उदाहरण भी दिया, जिनमें गैप था। इसे दर्शकों का प्यार मिला। मैं युवा पीढ़ी को भी यही कहना चाहूंगा कि अगर आप आत्मविश्वासी हैं और अपने काम में अच्छे हैं, तो ये खामियां मायने नहीं रखतीं।’
इस बारे में बात करते हुए कि उन्हें अपना निशान कैसे मिला, शत्रुघ्न ने याद किया कि वह लगभग 2-3 साल के थे जब उनके मामा पढ़ाई के लिए अमेरिका जाने वाले थे। प्रस्थान के दिन उसने मुंडन कराया और उस्तरा पास में रख लिया। अभिनेता ने इसे उठाया और अपनी बहन के चेहरे को शेव करने की कोशिश की। वह कट कर रह गई थी। फिर उसने यह सोचकर अपने चेहरे पर उस्तरा चला लिया कि उसकी बहन को यह करना नहीं आता, उसने दाढ़ी बनाने की कोशिश करते हुए खुद को एक गहरा कट दे दिया।
कुछ साल पहले ही शत्रुघ्न को पता चला था कि उन्हें टांके लगाने के लिए अस्पताल भी नहीं ले जाया गया था, जबकि कट से खून बह रहा था। उसने कहा कि उसकी माँ और चाची ने घाव को राख से ढक दिया क्योंकि वे उसके चाचा के लिए पैकिंग में व्यस्त थे। उन्होंने कहा, “मैं तो बच्चा था और ये दाग रह गया।”
उन्होंने आगे कहा, “जब मैं इस तरह के चेहरे के साथ एक अभिनेता बन सका, तो लोगों को प्रेरणा मिली। दूसरी ओर, राज कपूर, दिलीप कुमार और देव आनंद के अच्छे लुक्स ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए।” उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उनकी बेटी सोनाक्षी सिन्हा ने कुछ साल पहले कहा था कि निशान उनके पिता के बारे में सबसे अच्छी बात है।