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4/06/2022 10:19:00 PM
कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के दायरे में आने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए यह एक अच्छी खबर है। उन्हें एक बार फिर हायर पेंशन मिलने के आसार बढ़ गए हैं। इसकी वजह यह है कि बिलासपुर हाईकोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाल ही में एक आदेश दिया है कि अधिकारी को दी गई हायर पेंशन वापिस नहीं ली जा सकती है। यह याचिका बिलासपुर बीज एवं एग्रो निगम के क्लास 2 ऑफिसर पी वी केसकर ने 2 महीने पहले दायर की थी।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए ईपीएफओ रीजनल ऑफिस को यह आदेश दिए हैं। पी वी केसकर 2014 से पहले निगम से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें हायर पेंशन मिल रही थी 2 महीने पहले उनसे यह वापस ले ली गई थी और उन्हें पुरानी पेंशन दी जाने लगी। पी वी केसकर ने याचिका के जरिए बिलासपुर हाई कोर्ट ने इस निर्णय को चुनौती देती थी।
ईपीएफ मामलों के जानकार चंद्रशेखर परसाई ने बताया कि बिलासपुर हाई कोर्ट द्वारा आदेश में कहा गया है कि 4 अक्टूबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा आर सी गुप्ता के मामले में उच्च पेंशन के आदेश थे इसके बाद ईपीएफओ ने 23 मार्च 2017 को हायर पेंशन देने का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय ने कहा है कि यह आदेश वापस नहीं लिया गया है। परसाई के मुताबिक कर्मचारी भविष्य निधि कल्याण समिति द्वारा इस मामले को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में 7 लोगों की ओर से एक याचिका दायर की गई है। सोमवार को अधिवक्ता के जरिए बिलासपुर उच्च न्यायालय का आदेश फाइनल कराया जाएगा।
ईपीएस 95 पेंशनधारकों से संबंधित उच्च पेंशन के मामलों को लेकर बिलासपुर उच्च न्यायालय द्वारा यह जो आदेश दिया गया है तो इसमें साफ साफ कहा गया कि आर सी गुप्ता केस में जो फैसला 4 अक्टूबर 2016 को जारी किया गया था तो वह फैसला अभी वापस नहीं लिया गया है, जिसकी वजह से यह जो उच्च पेंशन का भुगतान किया जा रहा है तो उसे रोका नहीं जा सकता है। इस फैसले की वजह से एक बार फिर से eps-95 पेंशनधारकों के मन में उच्च पेंशन मिलने के आसार यहां पर बढ़ गय है।
और अभी सुप्रीम कोर्ट में जो मामले दाखिल है तो उन मामलों के ऊपर क्या फैसला आएगा तो उसके ऊपर सभी EPS 95 पेंशनधारकों की निगाहें लगी हुई है। सुप्रीम कोर्ट में ईपीएफओ द्वारा जो पुनर्विचार याचिका दायर की गई है तो उसमें विभिन्न तर्कों के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी गई है कि सरकार के ऊपर ईपीएफओ के ऊपर उच्च पेंशन का भुगतान करने से आर्थिक बोझ आएगा, पर ऐसा नहीं है कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा कर्मचारी पेंशन योजना 1995 का जो संचालन किया जाता है तो उसमें यहां पर साफ-साफ कहा गया कि जिन कर्मचारियों ने उच्च वेतन पर पूरा अंशदान किया है तो ऐसे ही कर्मचारियों को उच्च पेंशन का लाभ मिलेगा। यानी जो पूरी बेसिक सैलरी है तो उसके ऊपर 8.33 योगदान देकर पूरा योगदान दिया गया हो। यानि जो ₹15000 हैं तो उसका 8.33 फ़ीसदी ना देख कर जो उच्चतम बेसिक सैलरी है तो उसके ऊपर जितना भी कॉन्ट्रिब्यूशन आएगा तो वह जमा करवाना है।
उसके बाद ही जब कर्मचारी सेवानिवृत्त होंगे तो उनको उच्च पेंशन का लाभ मिलेगा अन्यथा उनको जो न्यूनतम पेंशन मिलती है तो वह मिलेगी। या फिर जो बेसिक फार्मूला कर्मचारी पेंशन योजना 1995 की गणना के लिए है तो उस फार्मूले के हिसाब से जो पेंशन बनेगी तो उस पेंशन का उनको भुगतान किया जायेगा।
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