
पेंशनरों ने खून से हस्ताक्षर कर ज्ञापन राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को भेजा
राष्ट्रीय संघर्ष समिति के ई पी एस 95 पेंशनरों ने खून से हस्ताक्षर कर गिरिराज वर्मा सुरेश पाटीदार सत्यनारायण सेन कान सिंह राठौड़ चांदमल जायसवाल गोपाल चावला के नेतृत्व में राष्ट्रपति प्रधानमंत्री वित्त मंत्री श्रम मंत्री मथुरा सांसद हेमा मालिनी को ज्ञापन अतिरिक्त जिला कलेक्टर ज्ञान मल खटीक को तथा सांसद सीपी जोशी का सांसद पीए को ज्ञापन दिया गया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक रावत के नेतृत्व में देशभर के पेंशनर अपने खून से हस्ताक्षर द्वारा प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर एनएसी का 5वा स्थापना दिवस ध्यानाकर्षण सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है। पेंशनरों ने बताया कि 6 लाख करोड़ पेंशन फंड होने के बावजूद अल्प पेंशन मिलने के कारण हम अत्यंत दयनीय अवस्था में जीवन जी रहे हैं । चित्तौड़गढ़ सांसद सहित अनेक सांसदों ने लोकसभा/ राज्यसभा में पेंशन का मुद्दा शून्यकाल मे उठाया तथा हेमा मालिनी जी की अगुवाई में केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल की प्रधानमंत्री से दो बार वार्ता हो चुकी है लेकिन न्याय के इंतजार में 67 लाख पेंशनर।
प्रधानमंत्री से निवेदन करते हैं की हमारी 4 सूत्री मांगे अविलंब स्वीकार कर भारत सरकार के मूल मंत्र “सबका साथ सबका विश्वास सबका विकास तथा अंतिम पंक्ति में खड़े वंचित व्यक्ति को न्याय” की घोषणा करावे । अन्यथा मरता क्या नहीं करता मुख्यालय बुलढाणा महाराष्ट्र में 1270 दिन से जारी क्रमिक अनशन के साथ-साथ दिल्ली में अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन करने पर मजबूर होंगे। 67 लाख पेंशनर एवं 6.5 करोड़ कार्यरत कर्मचारियों के परिवार को मिलाकर लगभग 28 करोड मतदाता जो सरकार हमारा काम करेगी हम उनके साथ रहेंगे अन्यथा हम सभी कर्मकार नया राजनीतिक विकल्प खड़ा करने की हैसियत रखते हैं।
ज्ञापन पश्चात सांसद जनसुनवाई केंद्र पर मीटिंग करके संघर्ष समिति का इतिहास बताते हुए संघर्ष के दौरान जो पेंशनर ईश्वर को प्यारे हो गए उनको मौन रखकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। पेंशनर एकता जिंदाबाद जिंदाबाद। ज्ञापन में फतेह लाल सेन लालचंद नाहर प्रकाश मारू अभय बाजपेई अशोक चतुर्वेदी नाहर सिंह चुंडावत प्रभु लाल ओम प्रकाश राजीव शर्मा सुनील कुमार निरंजन कुमार बंसीलाल अशोक जोशी बलवंत सिंह भाटी लाल शंकर पुरोहित गिरिराज पुरी कैलाश पोखरना बाबूलाल केशव शंकर लोहार भारत सिंह चौहान शरद सोरल सहित सैकड़ों पेंशनर उपस्थित हुए।
Source link